हिन्दी अनुवाद:
आर्थिक सुस्ती के इस दौर में भी बैंकों ने एडवांस टैक्स देने में बाजी मार ली है। 15 मार्च को एडवांस टैक्स भरने की अंतिम तारीख थी। जानकारी के मुताबिक दवा व तेल कंपनियां इस मामले में पीछे रह गई हैं। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार बैंकिंग सेक्टर में भारतीय स्टेट बैंक ने पिछली तिमाही में जहां 1,710 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा था वहीं चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उसने 1,810 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स भरा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पिछली तिमाही में 130 करोड़ रुपये और इस तिमाही में 253 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने चौथी तिमाही के लिए पिछले साल की इसी अवधि के 220 करोड़ रुपये के मुकाबले 280 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स जमा कराया है।
इसी तरह इंडसइंड बैंक ने पिछली तिमाही के 26 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में 19 करोड़ रुपये, एचएसबीसी ने पिछली तिमाही के 270 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में 370 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। देना बैंक ने 50 करोड़ रुपये के मुकाबले 75 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक ने 250 करोड़ रुपये के मुकाबले 275 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स भरा है। बैंकों के मुकाबले अंतिम तिमाही में दवा व तेल कंपनियों ने कम एडवांस टैक्स जमा कराया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 443 करोड़ रुपये जमा कराये थे जो इस तिमाही में घट कर 375 करोड़ रुपये हो गए हैं। बजाज ऑटो ने 75 करोड़ रुपये, इन्फोसिस ने 150 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। वीडियोकॉन ने 25 करोड़ रुपये, रिलायंस कैपिटल ने 10 करोड़, सुजलॉन ने 22 करोड़ रुपये, स्टर्लिग बायोटेक ने 8 करोड़ रुपये, क्युमिन्स इंडिया ने 32 करोड़ रुपये, सिडबी ने 146 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स के रूप में जमा कराया है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरशन लिमिटेड ने पिछले वित्त वर्ष में 55 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा था जो इस वित्त की अंतिम तिमाही में शून्य हो गया। इंडियन ऑयल कॉरपोरशन ने 1,139 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 150 करोड़ रुपये भरा है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 130 करोड़ रुपये, एलआईसी ने 656 करोड़ रुपये रुपये भरा है। वहीं सिप्ला ने 15 करोड़ रुपये के मुकाबले 27.6 करोड़ रुपये, एचडीआईएल ने 30 करोड़ रुपये के मुकाबले मात्र 5 करोड़ रुपये, ल्युपिन ने 31 करोड़ के मुकाबले 6.84 करोड़ रुपये, फाइजर ने 54 करोड़ रुपये के मुकाबले 12.5 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। टाटा स्टील ने 211 करोड़ रुपये के मुकाबले 406 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। टाटा मोटर्स ने पिछले वित्त वर्ष के 75 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में कोई एडवांस टैक्स नहीं दिया है। जबकि टाटा केमिकल ने 90 करोड़ रुपये के मुकाबले 75 करोड़ रुपये, टीसीएस ने 116 करोड़ रुपये के मुकाबले 50 करोड़ रुपये और पार्ले ने 15 करोड़ रुपये के मुकाबले 25 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है।
English Translation:
Reflecting growth in earnings despite challenging market conditions, banks emerged as the biggest payers of advance tax in the fourth quarter of FY'09. On the other hand, corporates underperformed in advance tax payments in Q4 on account of a visible slowdown in the economy and pain on export-oriented segments, coupled with lack of access to funds. India's largest lender State Bank of India became the highest advance tax payer in the quarter with total tax outgo of Rs 1,810 crore.
Other leading tax payers amongst banks include Bank of Baroda (Rs 280 crore), HDFC Bank (Rs 275 crore), Dena Bank (Rs 75 crore) and IndusInd Bank (Rs 26 crore), according to the Income Tax Department data.
India's largest oil company Indian Oil Corporation's (IoC) advance tax payments stood at Rs 150 crore, Reliance Industries at Rs 370 crore and engineering and construction major Larsen and Toubro at Rs 245 crore for the quarter.
LIC's home loan subsidiary, LIC Housing Finance Ltd paid Rs 245 crore for the fourth quarter, the data showed.
The advance tax collected from Mumbai, which accounts for 35-40 per cent of the countrywide tax collection, is nearly Rs 99,000 crore until March 15, according to the data.
Companies are required to pay their advance taxes four times a year, based on their quarterly earnings. Companies pay 15 per cent of their advance tax estimates by June 15, another 30 per cent by September 15, followed by another 30 per cent by December 15 and the balance by March 15.
आर्थिक सुस्ती के इस दौर में भी बैंकों ने एडवांस टैक्स देने में बाजी मार ली है। 15 मार्च को एडवांस टैक्स भरने की अंतिम तारीख थी। जानकारी के मुताबिक दवा व तेल कंपनियां इस मामले में पीछे रह गई हैं। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार बैंकिंग सेक्टर में भारतीय स्टेट बैंक ने पिछली तिमाही में जहां 1,710 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा था वहीं चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उसने 1,810 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स भरा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पिछली तिमाही में 130 करोड़ रुपये और इस तिमाही में 253 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने चौथी तिमाही के लिए पिछले साल की इसी अवधि के 220 करोड़ रुपये के मुकाबले 280 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स जमा कराया है।
इसी तरह इंडसइंड बैंक ने पिछली तिमाही के 26 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में 19 करोड़ रुपये, एचएसबीसी ने पिछली तिमाही के 270 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में 370 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। देना बैंक ने 50 करोड़ रुपये के मुकाबले 75 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक ने 250 करोड़ रुपये के मुकाबले 275 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स भरा है। बैंकों के मुकाबले अंतिम तिमाही में दवा व तेल कंपनियों ने कम एडवांस टैक्स जमा कराया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 443 करोड़ रुपये जमा कराये थे जो इस तिमाही में घट कर 375 करोड़ रुपये हो गए हैं। बजाज ऑटो ने 75 करोड़ रुपये, इन्फोसिस ने 150 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। वीडियोकॉन ने 25 करोड़ रुपये, रिलायंस कैपिटल ने 10 करोड़, सुजलॉन ने 22 करोड़ रुपये, स्टर्लिग बायोटेक ने 8 करोड़ रुपये, क्युमिन्स इंडिया ने 32 करोड़ रुपये, सिडबी ने 146 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स के रूप में जमा कराया है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरशन लिमिटेड ने पिछले वित्त वर्ष में 55 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा था जो इस वित्त की अंतिम तिमाही में शून्य हो गया। इंडियन ऑयल कॉरपोरशन ने 1,139 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 150 करोड़ रुपये भरा है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 130 करोड़ रुपये, एलआईसी ने 656 करोड़ रुपये रुपये भरा है। वहीं सिप्ला ने 15 करोड़ रुपये के मुकाबले 27.6 करोड़ रुपये, एचडीआईएल ने 30 करोड़ रुपये के मुकाबले मात्र 5 करोड़ रुपये, ल्युपिन ने 31 करोड़ के मुकाबले 6.84 करोड़ रुपये, फाइजर ने 54 करोड़ रुपये के मुकाबले 12.5 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। टाटा स्टील ने 211 करोड़ रुपये के मुकाबले 406 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है। टाटा मोटर्स ने पिछले वित्त वर्ष के 75 करोड़ रुपये के मुकाबले इस तिमाही में कोई एडवांस टैक्स नहीं दिया है। जबकि टाटा केमिकल ने 90 करोड़ रुपये के मुकाबले 75 करोड़ रुपये, टीसीएस ने 116 करोड़ रुपये के मुकाबले 50 करोड़ रुपये और पार्ले ने 15 करोड़ रुपये के मुकाबले 25 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स भरा है।
English Translation:
Reflecting growth in earnings despite challenging market conditions, banks emerged as the biggest payers of advance tax in the fourth quarter of FY'09. On the other hand, corporates underperformed in advance tax payments in Q4 on account of a visible slowdown in the economy and pain on export-oriented segments, coupled with lack of access to funds. India's largest lender State Bank of India became the highest advance tax payer in the quarter with total tax outgo of Rs 1,810 crore.
Other leading tax payers amongst banks include Bank of Baroda (Rs 280 crore), HDFC Bank (Rs 275 crore), Dena Bank (Rs 75 crore) and IndusInd Bank (Rs 26 crore), according to the Income Tax Department data.
India's largest oil company Indian Oil Corporation's (IoC) advance tax payments stood at Rs 150 crore, Reliance Industries at Rs 370 crore and engineering and construction major Larsen and Toubro at Rs 245 crore for the quarter.
LIC's home loan subsidiary, LIC Housing Finance Ltd paid Rs 245 crore for the fourth quarter, the data showed.
The advance tax collected from Mumbai, which accounts for 35-40 per cent of the countrywide tax collection, is nearly Rs 99,000 crore until March 15, according to the data.
Companies are required to pay their advance taxes four times a year, based on their quarterly earnings. Companies pay 15 per cent of their advance tax estimates by June 15, another 30 per cent by September 15, followed by another 30 per cent by December 15 and the balance by March 15.
No comments:
Post a Comment